चंद्रपूर: सांसद प्रतिभाताई धानोरकर की पहल से वाघ के हमले में प्रभावित किसानों को त्वरित राहत

◼️आंसुओं को पोंछकर दिलासा देकर, सांसद प्रतिभाताई धानोरकर के प्रयत्न से वाघ के हमले से प्रभावित किसानों को त्वरित सहायता


चंद्रपूर, 17 जून 2025: चंद्रपूर जिले के टेकाडी (भद्रावती) के किसानों के लिए सांसद प्रतिभाताई धानोरकर उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं। वाघ के हमले में अपने बैलों को खो चुके किसान परिवारों के दुख को समझते हुए, उन्होंने तत्काल आर्थिक सहायता दिलाने में सफलता हासिल की है। उनकी संवेदनशीलता और अथक प्रयासों से प्रभावित किसानों को न केवल तात्कालिक राहत मिली, बल्कि भविष्य में और अधिक मदद का भरोसा भी मिला है।

पिछले कुछ दिनों से चंद्रपूर जिले में वाघों के हमलों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। टेकाडी गांव में चार किसान परिवारों के लिए यह संकट और भी भयावह साबित हुआ, जब वाघ के हमले में उनके पांच बैल मारे गए। ये बैल इन परिवारों के लिए केवल पशु नहीं, बल्कि उनकी आजीविका का आधार थे। इस घटना ने इन परिवारों को आर्थिक और भावनात्मक रूप से हिलाकर रख दिया।

इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही सांसद प्रतिभाताई धानोरकर ने बिना समय गंवाए प्रशासन से संपर्क किया और किसानों की पीड़ा को उनके सामने रखा। उनके लगातार प्रयासों और दबाव के चलते प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। गणेश विठ्ठल गायकवाड को 52,000 रुपये, भाऊराव कवडू नन्नावरे को 48,750 रुपये, रमेश आनंदराव श्रीरामे को 52,500 रुपये और रवींद्र श्रीहरी अलाम को 50,000 रुपये का चेक तत्काल प्रदान किया गया। इस अवसर पर भद्रावती पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर लता वाढीवे, वन परिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे और ग्रामवासी उपस्थित थे।

वन परिक्षेत्र अधिकारी संतोष थिपे ने इस मामले में सहयोग करते हुए आश्वासन दिया कि भविष्य में और अधिक मुआवजे के लिए त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इस आर्थिक सहायता से किसानों को इस संकट से उबरने में मदद मिलेगी।

सांसद प्रतिभाताई धानोरकर ने भावुक होकर कहा, "किसानों के आंसुओं को पोंछना और उनके साथ खड़ा रहना मेरा कर्तव्य है। वाघों के हमलों से उनकी तकलीफ देखकर मन व्यथित हो जाता है। इस मुश्किल समय में मैं उनके साथ हूं और उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहूंगी।"

उनके इस मानवीय प्रयास और त्वरित कार्रवाई के लिए टेकाडी के किसानों ने हृदय से आभार व्यक्त किया है। सांसद प्रतिभाताई धानोरकर की यह पहल न केवल उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो अपने लोगों के दुख में तुरंत साथ देता है।


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