चंद्रपुर: तूफान के कहर के बीच हासिम भाई और उनकी टीम ने पेश की इंसानियत की मिसाल

◼️तेज आंधी तूफान से गिरे पेड़, हाईवे हुआ जाम, हासिम भाई ने दिखाई मानवता, हिन्दू मुस्लिम ने पेश की मिसाल


चंद्रपुर : सोमवार 9 जून की शाम चंद्रपुर जिले में आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। आसमानी बिजली और मूसलाधार बारिश के साथ आए इस तूफान ने न सिर्फ ग्रामीण इलाकों, बल्कि चंद्रपुर-नागपुर हाईवे को भी अपनी चपेट में ले लिया। कई जगहों पर विशालकाय पेड़ धराशाई हो गए, जिससे सड़कें जाम हो गईं और आवागमन ठप पड़ गया। इस प्राकृतिक आपदा ने जहां एक ओर दुखद हादसे को अंजाम दिया, वहीं दूसरी ओर इंसानियत की एक अनोखी तस्वीर भी सामने लाई।


दुर्गापुर पुलिस थाना क्षेत्र के सीएसटी पीएस इलाके में तूफान की वजह से एक विशाल पेड़ गिरने से सिनाला गांव के 52 वर्षीय एकनाथ अनिल कुमरे की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। वहीं, चंद्रपुर-नागपुर हाईवे पर भी कई पेड़ सड़क पर गिर पड़े, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। घंटों तक वाहन सड़कों पर फंसे रहे, लेकिन सरकारी मदद का कोई नामोनिशान नहीं था।


ऐसे मुश्किल वक्त में कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक तालुका अध्यक्ष हासिम भाई ने मानवता की मिसाल पेश की। "मानवता परमो धर्म" के सिद्धांत को अपनाते हुए हासिम भाई ने अपनी टीम के साथ हाईवे पर गिरे पेड़ों को हटाने की जिम्मेदारी उठाई। उनके साथ वसीम खान, चेतन शेबेकर, सद्दाम काजी, शाहरुख शेख, आरिफ पठान, सलीम पठान, अजर शेख, समीर शेख, तंजीर शेख, आमिर शेख, शुभम पांडे, प्रवीण गौरकार, फरदीन काजी, राजिक शेख, दानिश शेख और शरीक शेख ने कंधे से कंधा मिलाकर इस नेक काम को अंजाम दिया।



खास बात यह रही कि इस पुण्य कार्य में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ जुटे। एकता की इस मिसाल ने न सिर्फ हाईवे को यातायात के लिए सुचारू किया, बल्कि समाज को भी भाईचारे का संदेश दिया। स्थानीय लोगों ने हासिम भाई और उनकी टीम की जमकर सराहना की। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विपदा के समय इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।


Previous Post Next Post