चंद्रपुर में अमृत का सपना अधूरा: भाजपा विधायक और महानगर अध्यक्ष कर रहे नौटंकी, काँग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष रितेश तिवारी का आरोप

◼️चंद्रपुर में 'अमृत' का सपना अधूरा: भाजपा विधायक और महानगर अध्यक्ष की नाटकबाजी, काँग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष रितेश तिवारी का तीखा वार



चंद्रपुर, 26 जून 2025: चंद्रपुर की सड़कों पर गड्ढे, घरों में पानी की किल्लत और अमृत पाणीपुरवठा योजना का काम अधर में लटका हुआ—यह है शहर की हकीकत, जिसे लेकर काँग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष रितेश (रामू) तिवारी ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लिया है। तिवारी ने भाजपा के विधायक और महानगर अध्यक्ष पर योजना को लटकाने और अब बारिश का बहाना बनाकर काम रोकने की माँग को "राजनीतिक नाटकबाजी" करार दिया।

आठ साल, अधूरी पाइपलाइन

2017 में चंद्रपूर महानगरपालिका ने अमृत योजना को बड़े जोर-शोर से शुरू किया था। वादा था कि 2019 तक हर घर में नल से जल पहुँचेगा। लेकिन आठ साल बाद भी कई इलाकों में पाइपलाइन बिछाने का काम अधूरा है। जलमापक व्यवस्था फेल हो चुकी है, और सड़कों की खुदाई ने शहर को गड्ढों का मायाजाल बना दिया। तिवारी ने तंज कसते हुए कहा, "भाजपा ने ठेकेदारों के साथ मिलकर जनता के सपनों को गड्ढों में दफन कर दिया।"

निवेदन या दिखावा ?

भाजपा विधायक किशोर जोरगेवार के नेतृत्व में पार्टी ने हाल ही में महानगरपालिका आयुक्त को निवेदन सौंपा, जिसमें बारिश के कारण सड़कों की खराब हालत का हवाला देकर अमृत योजना के काम को अस्थायी रूप से रोकने की माँग की गई। तिवारी ने इसे "चुनावी स्टंट" बताते हुए कहा, "जब सत्ता में थे, तब काम पूरा क्यों नहीं हुआ? अब बारिश का बहाना बनाकर अपनी नाकामी छिपाई जा रही है।" उन्होंने जोरगेवार पर निशाना साधते हुए कहा कि निर्दलीय रहते हुए वे बड़े-बड़े वादे करते थे, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी प्राथमिकता बदल गई।

नागरिक त्रस्त, हादसों का डर

योजना के तहत खोदी गई सड़कों को ठीक न करने से न केवल यातायात प्रभावित हुआ, बल्कि हादसों का खतरा भी बढ़ गया है। तिवारी ने कहा, "भाजपा नेताओं को सड़कों की बदहाली और जनता की परेशानी दिखाई नहीं देती। वे बस निवेदन देकर सुर्खियाँ बटोरना चाहते हैं।"

काँग्रेस का अल्टीमेटम

काँग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर अमृत योजना का काम जल्द पूरा नहीं हुआ और जनता की परेशानियाँ बढ़ीं, तो पार्टी सड़कों पर उतरेगी। तिवारी ने कहा, "हम चुप नहीं बैठेंगे। जनता की तकलीफों का हिसाब माँगा जाएगा।"

चंद्रपुर की जनता अब इस सवाल के जवाब का इंतजार कर रही है कि आखिर कब 'अमृत' योजना उनके लिए वाकई अमृत बनेगी, या यह सिर्फ नेताओं के वादों का एक और जुमला बनकर रह जाएगा?

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