चंद्रपूर: सद्भावना दिवस पर राजीव गांधी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि, आधुनिक भारत के शिल्पी का स्मरण

चंद्रपूर: सद्भावना दिवस पर राजीव गांधी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि, आधुनिक भारत के शिल्पी का स्मरण


चंद्रपूर, 20 अगस्त 2025: सरदार पटेल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित राजीव गांधी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी, चंद्रपूर में सद्भावना दिवस के मौके पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतरत्न स्वर्गीय राजीव गांधी को कृतज्ञता और श्रद्धा के साथ याद किया गया। इस अवसर पर आयोजित गरिमामय समारोह में शहर के गणमान्य लोगों ने एकत्र होकर उनके योगदान को नमन किया और उनके सपनों के भारत को साकार करने का संकल्प दोहराया। 


 कार्यक्रम में चंद्रपूर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व विधायक श्री सुभाष धोटे ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अपने भावपूर्ण संबोधन में उन्होंने स्व. राजीव गांधी के दूरदर्शी नेतृत्व को याद करते हुए कहा, “राजीव जी ने न केवल भारत को तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में वैश्विक मंच पर स्थापित किया, बल्कि शांति और सद्भावना के मूल्यों को भी मजबूती दी। उनकी सोच आज भी हमें एकजुटता और प्रगति की राह दिखाती है।” वरिष्ठ पत्रकार श्री मधुकर भावे ने अपने प्रेरक वक्तव्य में राजीव गांधी के सूचना क्रांति और युवा सशक्तीकरण के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “राजीव जी ने भारत को डिजिटल युग की ओर ले जाने का सपना देखा था, जिसकी नींव आज हमारे देश की प्रगति का आधार बनी है।” कार्यक्रम में सांसद श्रीमती प्रतिभा धानोरकर की उपस्थिति ने समारोह को और भी विशेष बनाया। सरदार पटेल मेमोरियल सोसायटी के अध्यक्ष श्री विनोद दत्तात्रेय, वरिष्ठ पत्रकार श्री बालासाहेब कुलकर्णी, ट्रस्टी श्री शफीक अहमद, श्री प्रशांत पोटदुखे, श्री निनाद गड्डमवार, सचिव श्री जयंत वेलंकीवार, प्राचार्य डॉ. अनिलराव चिताळे, श्री विनायक बांगडे, श्री सुभाषसिंग गौर, श्री गुलाबराव कांबळे, श्री प्रवीण जानी और श्री अजय मामिडवार सहित कॉलेज के प्राध्यापक, शिक्षकेतर कर्मचारी और अनेक गणमान्य नागरिकों ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।


 
सद्भावना दिवस का यह आयोजन न केवल राजीव गांधी के आदर्शों को याद करने का अवसर बना, बल्कि उनके विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक सशक्त मंच साबित हुआ। उपस्थित सभी लोगों ने उनके शांति, एकता और प्रगति के संदेश को आत्मसात करने का संकल्प लिया। यह समारोह चंद्रपूर के सामाजिक और शैक्षिक परिदृश्य में एकता और प्रेरणा का प्रतीक बन गया।

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