◼️महानगरपालिका की संपत्ति चोरी, अर्बन एनबायरो कंपनी पर आपराधिक कार्रवाई की मांग
चंद्रपुर,11 अगस्त 2025: चंद्रपुर महानगरपालिका की संपत्ति चोरी के मामले ने शहर में हड़कंप मचा दिया है। महानगरपालिका के ठेकेदार अर्बन एनबायरो कंपनी पर कोहिनूर ग्राउंड और महाकाली मंदिर परिसर से पेव्हर ब्लॉक, गिट्टी और रेत चुराने का आरोप लगा है। मनपा द्वारा गठित जांच समिति ने चोरी की पुष्टि की है, लेकिन आपराधिक कार्रवाई के बजाय केवल दंडात्मक कार्रवाई किए जाने से नागरिकों में रोष व्याप्त है।
क्या है मामला?
चंद्रपुर महानगरपालिका ने कोहिनूर ग्राउंड पर नागरिकों के लिए चलने हेतु पेव्हर ब्लॉक लगवाए थे और महाकाली मंदिर परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए गिट्टी व रेत डालकर जमीन समतल की थी। इस काम का ठेका अर्बन एनबायरो कंपनी को दिया गया था। आरोप है कि कंपनी ने इन स्थानों से पेव्हर ब्लॉक, गिट्टी और रेत चुरा लिया। मनपा की जांच समिति ने चोरी की पुष्टि की, लेकिन आयुक्त द्वारा आपराधिक कार्रवाई के बजाय केवल दंडात्मक कार्रवाई की गई।
नागरिकों का आक्रोश, पुलिस अधीक्षक को पत्र
इस मामले में चंद्रपुर के नागरिकों ने एकजुट होकर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अर्बन एनबायरो कंपनी पर आपराधिक कार्रवाई की मांग की है। पूर्व नगरसेवक गोपाल अमृतकर, प्रवीण पडवेकर, अंकित रामटेके, सचिन रामटेके, संतोष बोपचे, चेतन मानुसमारे, मयूर राईकवार और सोहेल रजा सहित अन्य नागरिकों ने संयुक्त रूप से लिखे पत्र में कहा, “सार्वजनिक संपत्ति की चोरी गंभीर अपराध है। केवल दंडात्मक कार्रवाई के बजाय कंपनी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए, उसका ठेका रद्द किया जाए और उसे (Black list) काली सूची में डाला जाए।”
मनपा की कार्रवाई पर सवाल
मनपा ने जांच समिति गठित कर चोरी की पुष्टि तो की, लेकिन आपराधिक कार्रवाई से बचने का फैसला नागरिकों को नागवार गुजरा है। इससे पहले भी चंद्रपुर मनपा में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। पूर्व नगरसेवक पप्पू देशमुख ने अमृत योजना के 1016 करोड़ के प्रोजेक्ट्स में गड़बड़ी का आरोप लगाकर एसआईटी जांच की मांग की थी। ऐसे में मनपा की इस नरम रवैये से प्रशासन की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
कंपनी को काली सूची में डालने की मांग
नागरिकों ने न केवल आपराधिक कार्रवाई की मांग की है, बल्कि अर्बन एनबायरो कंपनी का ठेका रद्द कर उसे काली सूची में शामिल करने की भी मांग की है। इससे पहले मृदा व जल संरक्षण विभाग में फर्जी दस्तावेज पेश करने वाले ठेकेदारों को काली सूची में डाला गया था। इसी तर्ज पर नागरिकों ने कंपनी पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई है।
आगे क्या?
इस प्रकरण ने चंद्रपुर शहर में तीव्र प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं और सभी की निगाहें पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई पर टिकी हैं। नागरिकों का जोर है कि सार्वजनिक संपत्ति की चोरी करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामले रोके जा सकें। साथ ही, मनपा की ठेका प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग भी तेज हो रही है।