सांसद प्रतिभा धानोरकर के सवालों पर रेल मंत्रालय का जवाब असंतोषजनक, केंद्र सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप

◼️चंद्रपुर: सांसद प्रतिभा धानोरकर के सवालों पर रेल मंत्रालय का जवाब असंतोषजनक, जनता को गुमराह करने का आरोप..



चंद्रपुर, 23 जुलाई 2025: रेल मंत्रालय द्वारा 1 जुलाई, 2025 से लागू किए गए रेल किराया वृद्धि और यात्री सेवाओं में सुधार के दावों पर सांसद प्रतिभा धानोरकर द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए केंद्र सरकार पर जनता को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगा है। लोकसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 656 के जवाब में रेल मंत्रालय ने विस्तृत जानकारी दी, लेकिन यह आम यात्रियों की मूल समस्याओं को संबोधित करने में नाकाम रही।


रेल मंत्रालय का दावा है कि भारतीय रेलवे का किराया दुनिया में सबसे सस्ता है और पड़ोसी देशों से भी कम है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में यात्रियों को ₹60,466 करोड़ की सब्सिडी दी गई। हालांकि, सांसद धानोरकर ने इसे आंकड़ों का खेल करार देते हुए कहा कि किराया वृद्धि का बोझ आम नागरिकों की जेब पर पड़ रहा है। 1 जुलाई, 2025 से मेल एक्सप्रेस की द्वितीय श्रेणी सामान्य, शयनयान, प्रथम श्रेणी, गैर-वातानुकूलित और आरक्षित वातानुकूलित श्रेणियों में प्रति किलोमीटर आधा पैसे से दो पैसे तक की वृद्धि लागू की गई है। यह वृद्धि, भले ही मामूली बताई जा रही हो, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भारी साबित हो रही है। मासिक पास (MST) और उपनगरीय यात्रा के किराए में कोई बदलाव न होने की बात कही गई है, लेकिन इसका लाभ मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वर्ग के स्थानीय यात्रियों तक सीमित है।

तत्काल टिकट बुकिंग में किए गए बदलावों ने भी यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। अब केवल आधार-प्रमाणित उपयोगकर्ता ही IRCTC वेबसाइट/ऐप के जरिए तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे, और बुकिंग खुलने के पहले 30 मिनट तक अधिकृत एजेंटों को बुकिंग की अनुमति नहीं होगी। ये प्रतिबंध यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के बजाय तत्काल टिकट प्राप्त करने की प्रक्रिया को और जटिल बना रहे हैं।

रेल मंत्रालय ने अमृत भारत स्टेशन योजना, वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों का शुभारंभ, रेल मदद पोर्टल, रेल वन ऐप और यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप जैसी डिजिटल पहलों के जरिए यात्री संतुष्टि बढ़ाने का दावा किया है। लेकिन सांसद धानोरकर ने इंगित किया कि ये दावे हकीकत से कोसों दूर हैं। ट्रेनों में भीड़, देरी, और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं अब भी बरकरार हैं, जिनका समाधान नहीं हो पाया है।

सांसद धानोरकर ने कहा, “रेल मंत्रालय के जवाब जनता की मूल समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं। किराया वृद्धि और अपर्याप्त सेवाओं के बीच केंद्र सरकार केवल आंकड़ों के सहारे जनता को भ्रमित कर रही है।” उन्होंने मांग की कि रेल मंत्रालय को आम यात्रियों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और किराया वृद्धि को वापस लेते हुए सेवाओं में सुधार करना चाहिए।

यह मुद्दा अब चंद्रपुर सहित पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यात्रियों को उम्मीद थी कि उनकी शिकायतों का समाधान होगा, लेकिन रेल मंत्रालय के जवाब ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
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