चंद्रपुर में कुरैशी जमात का बड़ा ऐलान: पशु खरीदी-बिक्री पर पूर्ण बंद, आंदोलन तेज करने की चेतावनी

◼️चंद्रपुर में कुरैशी जमात का बड़ा ऐलान: पशु खरीदी-बिक्री पर पूर्ण बंद, आंदोलन तेज करने की चेतावनी



चंद्रपुर, 22 जुलाई 2025: चंद्रपुर शहर के साहिल लॉन में जमीतुल कुरैशी चंद्रपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय बैठक में कुरैशी जमात ने एकजुट होकर जिले में पशु खरीदी-बिक्री पर पूर्ण बंद का ऐलान किया है। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और इसे पूरे महाराष्ट्र में लागू करने का आह्वान किया गया है। बैठक में महाराष्ट्र प्रदेश कुरैशी कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ज़ाकिर कुरैशी, अधिवक्ता वसीम कुरैशी, मौलाना अब्दुल मजीद, मौलाना फारूक, और सैय्यद रमजान अली मंच पर उपस्थित थे।

आंदोलन का राज्यव्यापी विस्तार

कुरैशी जमात ने इस आंदोलन को पूरे महाराष्ट्र में फैलाने का निर्णय लिया है, जिसमें राज्य के व्यापारियों और किसानों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। जमात ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तो यह आंदोलन और तेज होगा। इसके तहत 15 अगस्त को पशुपालन मंत्री के निवास का घेराव करने की योजना भी घोषित की गई है।

क्या है मामला?  

यह आंदोलन महाराष्ट्र गोसेवा आयोग के उस निर्णय के विरोध में शुरू किया गया है, जिसमें बकरीद से पहले 3 से 8 जून 2025 तक राज्य के सभी पशु बाजार बंद करने का निर्देश दिया गया था। आयोग का कहना था कि यह कदम अवैध गौवध रोकने के लिए उठाया गया है। हालांकि, कुरैशी जमात और अन्य समुदायों का तर्क है कि यह निर्णय न केवल गैर-प्रतिबंधित पशुओं (जैसे बकरी, भेड़, और भैंस) के व्यापार को प्रभावित करता है, बल्कि किसानों, मजदूरों, और कुरैशी-खटीक समुदाय की आजीविका पर भी गहरा असर डालता है।

कुरैशी जमात की मांग 
 
जमीतुल कुरैशी ने मांग की है कि सरकार पशु बाजार बंद करने के फैसले को वापस ले और कुरैशी समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाए। बैठक में चंद्रपुर जिले के सभी कुरैशी जमात सदस्यों ने हिस्सा लिया और इस आंदोलन को एकजुटता के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

आगे की रणनीति  

कुरैशी जमात ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें अनसुनी रहीं, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। 15 अगस्त को प्रस्तावित पशुपालन मंत्री के घर के घेराव के साथ-साथ अन्य प्रदर्शनों की भी योजना बनाई जा रही है। इस आंदोलन को व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद है, क्योंकि यह न केवल कुरैशी समुदाय, बल्कि किसानों और व्यापारियों के हितों से भी जुड़ा है।

प्रतिक्रिया और समर्थन 
 
वंचित बहुजन आघाड़ी के राज्य उपाध्यक्ष फारूक अहमद ने इस मुद्दे पर पहले ही सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि पूरे बाजार को बंद करना अनुचित है, क्योंकि इससे गैर-प्रतिबंधित पशुओं का व्यापार भी प्रभावित होता है। चंद्रपुर की कुरैशी जमात का यह कदम राज्य में एक बड़े आंदोलन की शुरुआत हो सकता है, जो सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।

निष्कर्ष  
चंद्रपूर में कुरैशी जमात का यह ऐलान न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में पशु व्यापार और इससे जुड़े समुदायों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। अब सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम और कुरैशी जमात के आंदोलन की दिशा पर टिकी हैं।
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