⚫लंडन में ‘कोहिनूर ऑफ इंडिया’ सम्मान से नवाजे जाएंगे सुधीर मुनगंटीवार
⚫‘लोकमत’ द्वारा 18 अगस्त को ‘ग्लोबल इकोनॉमिक कन्वेंशन’ में होगा सम्मान
⚫चंद्रपुर जिले का गौरव बढ़ाने वाला एक और ऐतिहासिक क्षण
चंद्रपुर: महाराष्ट्र के पूर्व वन, सांस्कृतिक कार्य और मत्स्य व्यवसाय मंत्री आमदार सुधीर मुनगंटीवार को एक और प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा जाएगा। छत्रपती शिवाजी महाराज के वाघनखों को लंडन से भारत लाने के ऐतिहासिक कार्य के लिए उन्हें लंडन में ही ‘कोहिनूर ऑफ इंडिया’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ‘लोकमत’ द्वारा सोमवार, 18 अगस्त को लंडन में आयोजित ‘ग्लोबल इकोनॉमिक कन्वेंशन’ में यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
‘लोकमत’ के इस प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल इकोनॉमिक कन्वेंशन’ का यह दूसरा वर्ष है। पिछले साल यह आयोजन सिंगापुर में हुआ था। इस बार लंडन में होने वाले इस कन्वेंशन में भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रगति, आर्थिक नीतियों का विश्लेषण, वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे का विकास और हरित ऊर्जा जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी।
इस समारोह में ‘कोहिनूर ऑफ इंडिया’, ‘भारत भूषण’, ‘महाराष्ट्र रत्न’, ‘ग्लोबल सखी’ और ‘गुजरात रत्न’ जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार उनके कार्य को वैश्विक मंच पर मान्यता देने और उनके योगदान का सम्मान करने के लिए दिए जाएंगे।
आमदार सुधीर मुनगंटीवार को राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘लोकमत कोहिनूर ऑफ इंडिया’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ‘लोकमत’ मीडिया समूह के चेयरमैन विजय दर्डा ने उन्हें पत्र लिखकर कहा, “देश के विकास और प्रगति में आपके उल्लेखनीय योगदान के लिए हार्दिक आभार। इस वैश्विक मंच पर आपके असाधारण कार्य का उत्सव मनाने के लिए हम उत्सुक हैं।”
इससे पहले भी सुधीर मुनगंटीवार को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है। कुछ महीने पहले उन्हें गोंडवाना विश्वविद्यालय, गडचिरोली द्वारा मानद डी.लिट. से सम्मानित किया गया था। पर्यावरण, वन्यजीव संरक्षण, संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के संवर्धन में उनके योगदान के लिए यह डी.लिट. प्रदान की गई। गोंडवाना विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किए थे, और उसी विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट. से सम्मानित होना एक अनूठा संयोग रहा।
उनके अन्य सम्मानों में 1999 में राष्ट्रकुल संसदीय मंडल द्वारा उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार, 2008 में राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ द्वारा जी.एल. नार्डेकर स्मृति पुरस्कार, किर्लोस्कर वसुंधरा अवार्ड, लोकसेवा और विकास संस्था का कर्मवीर मासा कन्नमवार मेमोरियल अवार्ड, दैनिक लोकमत का ‘महाराष्ट्रियन ऑफ द इयर’, इंडिया टुडे समूह द्वारा दो बार ‘बेस्ट फाइनेंस मिनिस्टर’ पुरस्कार, आफ्टरनून व्हॉइस द्वारा ‘बेस्ट परफॉर्मिंग मिनिस्टर’ पुरस्कार, जे.सी.आई. महाराष्ट्र द्वारा ‘मैन ऑफ द इयर’ और फेम इंडिया द्वारा ‘उत्कृष्ट मंत्री’ पुरस्कार शामिल हैं।
उनके मंत्रित्वकाल में 4 लिम्का रिकॉर्ड, ‘सियावर रामचंद्र की जय’ अक्षररचना और ‘ग्रीन भारतमाता’ के लिए 2 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किए गए। उनकी वृक्षारोपण पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में विशेष उल्लेख किया। उनके कार्यालय को देश में पहला आईएसओ प्रमाणन प्राप्त हुआ। वित्तमंत्री के रूप में उनके कार्य को ‘आज तक’ और ‘इंडिया टुडे’ ने ‘बेस्ट फाइनेंस मिनिस्टर इन इंडिया’ के रूप में सम्मानित किया, और स्व. अरुण जेटली के हाथों यह सम्मान प्रदान किया गया। स्वतंत्रता के बाद पहली बार 11,975 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष वाला ऐतिहासिक बजट पेश कर उन्होंने देश में एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया।
यह सम्मान चंद्रपुर जिले के लिए गौरव का क्षण है और सुधीर मुनगंटीवार के कार्य को वैश्विक मंच पर मान्यता मिलना उनके समर्पण और नेतृत्व का प्रमाण है।
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