ताडोबा के जंगल में प्रेम और युद्ध: छोटा मटका ने फिर दिखाया दबदबा, ब्रह्मा को उतारा मौत के घाट

  • ताडोबा के जंगल में प्रेम और युद्ध
  •  'छोटा मटका' ने फिर दिखाया दबदबा
  •  'ब्रह्मा' को उतारा मौत के घाट


चंद्रपुर, 15 मई 2025: महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में एक बार फिर प्रेम, वर्चस्व और खूनी जंग की कहानी सामने आई है। इस बार ताडोबा का बेताज बादशाह 'छोटा मटका' चर्चा में है, जिसने अपनी प्रिय 'नयनतारा' के लिए एक और प्रतिद्वंद्वी को मौत के घाट उतार दिया। सोमवार रात बफर जोन के खडसंगी वनपरिक्षेत्र में हुई इस खूनी झड़प में 'छोटा मटका' ने तीन साल के युवा बाघ 'ब्रह्मा' को मार डाला। इस जंग में 'छोटा मटका' खुद भी घायल हो गया। यह घटना निमढेला बीट के कक्ष क्रमांक 63 में घटी, जो मंगलवार सुबह उजागर हुई।

प्रेम और वर्चस्व की जंग
 
ताडोबा का बफर जोन, विशेष रूप से रामदेगी (तहसील चिमूर) क्षेत्र, 'छोटा मटका' और 'नयनतारा' की जोड़ी के कारण पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है। इस जंगल में 'छोटा मटका' का दबदबा किसी से छिपा नहीं है। लेकिन हाल ही में 'ब्रह्मा' नामक युवा बाघ ने 'नयनतारा' के साथ अपने अधिवास का विस्तार करने की कोशिश की। यह बात 'छोटा मटका' को नागवार गुजरी। बुद्ध पूर्णिमा की रात, जब जंगल में प्राणी गणना चल रही थी, 'छोटा मटका' ने 'ब्रह्मा' पर हमला बोल दिया। दोनों बाघों के बीच भयंकर लड़ाई हुई, जिसमें 'ब्रह्मा' मारा गया।

पर्यटकों ने दी सूचना, वन विभाग ने शुरू की जांच  

मंगलवार सुबह कुछ पर्यटकों ने 'छोटा मटका' को लंगड़ाते हुए और उसका मुंह खून से सना हुआ देखा। पर्यटकों ने तुरंत इसकी जानकारी वन विभाग को दी। वन विभाग ने तलाशी अभियान चलाया, जिसके बाद 'ब्रह्मा' का शव बरामद हुआ। मृत बाघ को शव परीक्षण के लिए चंद्रपूर के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर ले जाया गया। इस घटना की खबर लोकमत वृत्त समूह ने प्रकाशित की है।

'छोटा मटका' का खौफनाक इतिहास
  
'छोटा मटका' ने पहले भी अपने इलाके में किसी भी बाहरी बाघ को घुसने नहीं दिया। बीते कुछ वर्षों में उसने 'मोगली' और 'बजरंग' जैसे बाघों को भी मारकर अपने वर्चस्व को कायम रखा। अब 'ब्रह्मा' की मौत के साथ उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि ताडोबा का असली राजा वही है। 'नयनतारा' के लिए उसका यह प्रेम और जुनून किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं।

वन्यजीव प्रेमियों में चर्चा का विषय  

इस घटना ने ताडोबा के वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के बीच हलचल मचा दी है। हर कोई 'छोटा मटका' के दबदबे और उसके 'नयनतारा' के प्रति प्रेम की चर्चा कर रहा है। यह कहानी जंगल के नियमों और प्रेम के जुनून को दर्शाती है, जो ताडोबा के इतिहास में एक और रोमांचक अध्याय जोड़ रही है।


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